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‘डिजिटल इण्डिया’- बदहाल रेल आरक्षण व्यवस्था

जनजागृति मंच
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प्रधानमंत्री माननीय मोदी जी का जागृत सपना है डिजिटल इण्डिया, बुलेट ट्रेन। पटरियों पर हवाई जहाज के सपने को पूरा करने के लिए जोर शोर से प्रयास किये जा रहे हैं। अब तो जापान के सहयोग से यह सपना जल्दी ही साकार रुप ले लेगा। हाईस्पीड चमचमाती बुलेट ट्रेन समय की सीमाओं को तोड़ती दिखाई देगी। हजारों करोड़ की परियोजना पूरी होगी तो लागत भी निकाली ही जाएगी। जाहिर है सफर मँहगा ही होगा।

‘साधारण जनता की सवारी भारतीय रेल हमारी’ की बदहाल दशा एवं आरक्षण की दुर्व्यवस्था अभी भी जन साधारण के आँसू ही निकाल रही है। किराया तो बढ़ा परंतु व्यवस्था वही ढ़ाक के तीन पात अर्थात बदहाल। डिजीटल इण्डिया पर फोकस किया जा रहा है। देश का प्रशासन ऑनलाईन कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था द्वारा चलाया जाएगा। सभी विभागों में कार्य प्रणाली ऑनलाईन होगी। रेलवे में भी यह सोचा जा रहा है कि टिकट प्रणाली को पूर्णतया ऑनलाईन किया जाए एवं विण्डो बुकिंग को धीरे-धीरे समाप्त किया जाए। यह अत्यंत सराहनीय कदम होगा।

वर्तमान में रेलवे की आनलाईन आरक्षण व्यवस्था में खामियाँ ही खामियाँ हैं एवं इसमें सुधार की तत्काल आवश्यकता है। सर्वर बिजी रहता है, सर्वर स्लो रहता है। तत्काल टिकट ऑनलाईन आरक्षण से प्राप्त करना अत्यंत मुश्किल होता है। ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि लोग ऑनलाईन आरक्षण द्वारा तत्काल टिकट प्राप्त कर सकें जिससे रेलवे के टिकट विण्डो पर दबाव कम हो।

ऑनलाईन रिजर्वेशन के समय अनेकों बार ऐसा होता है कि बैंक से रिजर्वेशन चार्ज कट जाता है और रिजर्वेशन नहीं होता। इस व्यवस्था में जो भी पैसे बैंक से कट जाते हैं वह आई.आर.सी.टी.सी. द्वारा आमतौर पर एक या दो दिन बाद ही बैंक एकाउण्ट में वापस भेजे जाते हैं। अब सोचिए जरा किसी को आवश्यक यात्रा करनी है और उसके बैंक एकाउण्ट में यदि कम ही पैसे हों, उसका पैसा भी कट जाए और उसे रिजर्वेशन भी न मिले तो उसकी परेशानी तो बढ़ेगी ही।

ऑनलाईन आरक्षण करते समय आरक्षण फार्म में वरिष्ठ नागरिक का आप्शन रहता है, कौन सी बर्थ चाहिए? इसे भी चयन करना होता है। एक नहीं अनेकों बार ऐसा देखा गया है कि ट्रेन में ४०० से अधिक बर्थ खाली रहने पर भी वरिष्ठ यात्रियों सहित यात्रियों को उनके द्वारा चयनित बर्थ नहीं प्रदान किया जाता है। इस कारण जो भी वरिष्ठ नागरिक लोवर बर्थ की माँग करते हैं उन्हे रेलवे द्वारा मिडिल बर्थ अक्सर प्रदान किया जाता है। यदि मनमाने ढ़ंग से ही बर्थ देना है तो आरक्षण फार्म में बर्थ चयन का आप्शन हटा दिया जाना चाहिए। इस प्रकार की साफ्टवेयर की गड़बड़ी तत्काल दूर की जानी चाहिए।

कई अन्य समस्याएँ वर्तमान ऑनलाईन रिजर्वेशन प्रणाली में हैं जैसे- कई बार एस.एम.एस द्वारा टिकट मोबाइल पर नहीं मिलते, आर.ए.सी./ वेटिंग कन्फर्मेशन की सूचना नहीं मिलती। रेल मंत्रालय को इन समस्याओं को संज्ञान में लेकर सुधार के प्रयास तुरंत करने चाहिए जो प्रधानमंत्री जी के डिजीटल इण्डिया कार्यक्रम में रेलवे का योगदान होगा।

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